हेलो दोस्तों मेरा नाम राहुल है और मैं 32 साल का हु । ये घटना मेरे साथ 2021 में घटी थी। मैं शहर में रहता हु मुझे छुटियो में शहर की भीड़ से दूर किसी हिल स्टेशन पर जाना बहुत पसंद है। इस बार मैं उत्तराखंड के एक छोटे से हिल स्टेशन पर छुट्टी मानाने गया जो कि जंगल के किनारे था। मैं फ्राइडे सुबह ही अपनी कार से उस हिल स्टेशन की तरफ निकल गया और रात तक एक उस हिल स्टेशन के छोटे से होम स्टे पर पहुच गया लॉन्ग ड्राइव की वजह से मैं काफी थक गया था और जाते ही बिस्तर पर पड़ गया था ।
आधी रात को एकदम से मेरी कार का अलार्म बजा। मैने खिड़की से बहार देखा तो वहा कोई नई था मैंने कार की चाबी से अलार्म बंद करदिया। उसके बाद मैं दुबारा सोने की कोशिश करने लगा। थोड़ी देर बाद वो अलार्म दुबारा बजने लगा मैने नींद में दुबारा अलार्म बंद कर दिया उसके बाद हर तरफ शांति थी। तभी 5 मिनट बाद अलार्म दूसरी बार बजा.ऐसा 34३ बार और हुआ मुझे लगा कोई मेरे साथ मजाक तो नई कर रहा पर इतनी रात को भला कोन हो सकता है। इसका जवाब जानने के लिए मैं खिड़की के पास खड़ा हो गया और बहार देखने लगा.कुछ टाइम बाद मैंने चाँद की रौशनी में झाड़ियों के पीछे से किसी को आते देखा वो जो भी था बहुत पतला और एक आम इंसान से काफी लम्बा था।
वो कार क पास आया और अपने लम्बे पतले हाथो से कार पर नोक किया और दुबारा झाड़ियों में चला गया.ये देखते ही मैं सब समझ चूका था मेरे माथे से पसीना टपक रहा था। मै अलार्म बंद करके उस चीज़ पर नजर रखने लगा। इस बार वो चीज़ झाड़ियों से निकल कर सीधा मेरे होमस्टे के गेट पर आ गयी। उसने एक हाथ से गेट का लॉक तोड़ दिया। मैं ये देख कर बहुत ही डर गया मेरे दिमाग मे तरह तरह के ख्याल आ रहे थे वो कोन है? और यह क्या कर रहा है? और वो मुझसे क्या चाहता है? मेरे शरीर मे सर से लेकर पैर तक कपकपी छूट गयी। मेरा गला सुख रहा था और दिल जोर जोर से धड़क रहा था।
मैं जल्दी से निचे गया और बस निचे जाकर लाइट्स ऑन करने ही वाला था की तभी मेरे पैर जम गए। वो डार्क फिगर वो खिड़की पर खड़ा था और अंदर की और देख रहा था कि वहा कोई है या नई मैं जल्दी से सोफे क पीछे जाकर छुप गया और बहार देखने लगा। मैं समझ गया कि वो कार के साथ छेड़छाड़ करना उसका तरीका था अपने शिकार को बहार लाने का। मैं उसके डरावने चहरे से अपनी नज़र नही हटा पा रहा था। उसका शरीर पतला सा था पूरा काला उसकी आंखे छोटी और पूरी तरह से लाल थी.उसके चरे पर होठो की जगह बड़े बड़े दात थे। उसकी सांस बहुत भारी थी जो की खिड़की पर भाप की तरह साफ़ नज़र आ रही थी। मैं जनता था कि वो जाने वाला नही है. खिड़की के पास थोड़ी देर तक खड़े रहने के बाद मुझे उसकी फ्रंट डोर को खोलने की आवाज़ आयी।
मैने देखा कि वो दरवाज़े के हैंडल को खोलने की कोशिश कर रह था। उसके बाद उस जानवर ने एक तेज़ आवाज़ निकली. वो आवाज़ किसी इंसान की तो नई हो सकती थी। वो आवाज़ ऐसी थी मनो कोई शेर दहाड़ रहा हो। मै जनता था क अगर उसने मुझे देख लिया तो वो किसी भी तरह अंदर आ जायेगा. मैंने अपने आप को सोफे के पीछे छिपाये रखा। मेरी आँखों से आंसू बह रहे थे. मै अपनी नसों की आवाज़ सुन पा रहा था। मै बस मरने ह वाला था.मुझे नही पता मै वहा पर कब तक छुपा रहा। मै जब उठा और दरवाज़े की तरफ देखा तो वो जानवर वहा से जा चूका था। दरवाज़ा अपनी जगह था और सब कुछ सेफ लग रहा था। मै सीडीओ से ऊपर की तरफ गया और मैने खिड़की से बहार देखा तो बहार रौशनी थी। वह अब कोई भी खतरा नही था। मैने इस मौके का फायदा उठाया और अपनी कार की चाबी उठायी और बिना अपने सामान लिए कार की तरफ भागा। मैने कार स्टार्ट करी और जितनी तेज़ी से उस जगह और हिल स्टेशन से ड्राइव करके निकल सकता था निकल गया।
मै तब तक गाड़ी चलाता रहा जब तक अपने घर नही पहुंच गया। उस दिन घर पर जब मैने टीवी ऑन किया तो एक न्यूज़ सुनने को मिली। उस हिल स्टेशन से 2 लड़कियों क लाशें मिली है। उनका शरीर कटा-फता पड़ा था.मै समझ गया था कि उस जानवर को जो चाहिए था वो उसको मिल चूका थ।