horror stories in hindi haunted hotel
पिछली बार हमने पड़ा कि जब लकी निचे हल्का होने गया तो उसको काफी टाइम लग गया। इस पर जब बाकी तीनो उसको ढूंढ़ने गए तो जब उन्होंने पेड़ पर टोर्च मारी तो वहा उनको लकी की लाश मिली अब आगे।
नर पिशाच भाग -1 पड़ने के लिए यहां क्लिक करे
जब उन्होंने उस चीज़ पर टोर्च मारी तो उन्होंने देखा कि उसके बड़े दांत, लाल आंखे और बड़े नाख़ून देख कर उन 3नो का दिल मानो बहार आने को हो गया. राहुल डरता हुआ चिल्लाया नर पिशाच-नर पिशाच। वो 3नो वहां से तेज़ी से गाँव की और भागे । उनको भागते हुए देख कर उस नर पिशाच ने एक जोर से दहाड़ मारी और एक छलांग मार कर उनके पीछे पड़ गया। लकी, रोहन और देव बहुत ही तेज़ी से भाग रहे थ।
लकी ने भागते भागते डरते हुए रोहन से पूछा ये क्या जानवर था जल्दी बस यहां से बाहर निकलो”। लकी ने इतना बोलै ही था की उसकी साइड से एकदम से वो जानवर झाड़िओ से निकला और लकी का सर अपने मुँह में डाल कर अपने बड़े दांत उसके सर क आर पार करदिये। देव बहुत ही आगे भाग रहा था। पर रोहन इतनी तेज़ नहीं भाग पा रहा था। एकदम से जब रोहन ने पीछे मूड कर देखा तो लकी का सर उसके धड़ से अलग उस नर पिशाच के मुँह में था।
रोहन एकदम से सेहम कर गिर गया. रोहन के गिरने क आवाज़ सुनते ही उस नर पिशाच ने रोहन की और अपनी लाल आँखों से देखा और एक दम से उसकी और लपका. रोहन ने जल्दी से वापिस उठने क कोशिश की पर इतने में उस नर पिसाच ने अपने बड़े नाखून रोहन के पेट के आर पार निकाल दिए और जोर से ढाहड़ा। देव अब भागते भागते काफी आगे निकल चूका था और अब थक भी चूका था। भागते भागते वो एक बड़े पेड़ पर चढ़ गया. और अपना मुँह दबा कर और आंखे बंद करके बैठ गया। कुछ ही टाइम बाद उसको जोर जोर से सांस लेने क आवाज़ सुनाई दी तो उसने धीरे से आंखे खोल के निचे देखा तो वो नर पिशाच उसी पेड़ के निचे उसको इधर उधर देख रहा था।
ये देख कर देव क आँखों से आंसू आ गए और उसको अपनी मौत सामने दिख रही थी। वो नर पिसाच वहां से आगे चला गया। देव काफी देर तक उस पेड़ पर बैठा रहा। उसके बाद उसने फैसला किया कि अब वो पेड़ से उतर के गाँव की और दुबारा भागेगा क्यों की हो सकता है वो नरपिशाच वापिस आ जाए और अब जंगल का रास्ता वैसे भी खत्म होने वाला था। तो वो पेड़ से उत्तर कर दुबारा भागा, वो अभी थोड़ी दूर ही भागा था की उसको अपने से थोड़ी दूर झाड़ियों से किसी के भागने क आवाज़ आयी।
जिसको सुन कर वो और तेज़ी से भागने की कोशिश करने लगा। भागते भागते उसने पीछे मूड कर देखा तो वो नर पिसाच उसकी और भाग कर आ रहा था. देव का गला ये देख कर सूखने लगा उसका पूरा शरीर पसीने से भरा हुआ था।
वो नर पिशाच उसके बिलकुल ही करीब आ गया था और उसको दबोचने ही वाला था कि एकदम से देव निचे गिर पड़ा और वो नर पिसाच अब रुक कर देव की और बढ़ने लगा कि तभी। एक गोली उस नर पिशाच की छाती पर लगी। देव ने जब दूसरी और देखा तो रोहन के पिता जी अपनी बन्दूक नर पिसाच की और करके खड़े थे और उनके साथ कुछ गाओ वाले भी डंडे और हथियार लेकर खड़े थे। उन सब को देख कर वो नर पिशाच घूरताहुआ जंगल में भाग गया।
रोहन क पिता जी ने देव को उठाया और देव ने रोते हुए उन्हें सब बताया। पूरी बात सुन कर उनकी आँखों में आंसू आ गए थे, वो अपने बेटे रोहन को ढूंढ़ने के लिए जंगल की और भागे तो सबने उन्हें रोक लिया और कहा कि सूरज के निकलने का इंतज़ार करे। वो सब लोग वहां पर सूरज के निकलने का इंतज़ार करने लगे। जब सूरज निकला तो वो सभी लकी रोहन और राहुल को ढूंढ़ने के लिए निकले. तो लोगो ने देखा कि रोहन की लाश बिच में से कुटी हुई थी। ये देख कर रोहन के पिता जी बेहाल होकर गिर पड़े। बाकी गाँव वालो ने जब राहुल और लकी को ढूंढ़ने की कोशिश की तो उन्हें बस लकी का एक कटा हुआ हाथ मिला और राहुल का निचला धड़।
सब लोग अब वापिस आ चुके थे, देव के कहने के आधार पर पुलिस वालो ने फिर रिपोर्ट बनाई पर सबको पता था कि पुलिस कुछ नहीं कर सकती थी। रोहन के घर मातम का माहौल था। देव चम्बा बस स्टैंड से दिल्ली की और जाने वाली बस पर बैठ चूका था पर वो अब अकेला और सदमे में था और साथ थी तो उस भयानक रात क यादें ।
क्या गांव वाले कभी उस नर पिशाच से छुटकारा पा सकेंगे ? हम इसका अगला भाग भी लाएंगे।
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