Pool waali chudail ek real horror incident hai
हेलो दोस्तों आज मैं आपको जो कहानी सुनने जा रहा हूं वह एक सच्ची घटना पर आधारित है यह मुझे मेरे पापा ने बताई थी यह घटना उनके साथ हुईं थी | यह बात उनकी शादी से पहले की है तब उनके पास साइकिल हुआ करती थी वह उसी से आना जाना करते थे | उनकी घडिओ की दुकान हुआ करती थी वह अक्सर रात को घर आते हुए लेट हो जाते थे | उस ज़माने मैं शाम 7:00 बजे के बाद ज्यादा चहल-पहल नहीं होती थी लोग अपने-अपने काम से जल्दी घर चले जाते थे | पापा का घर लौटने का समय 8:00 बजे था वह जिस रास्ते से घर आते थे वहां एक पुल था और पहले के जमाने में कहते थे कि रात में पुल के आसपास ऊपरी हवाओं का चक्कर होता है तो वहां से संभल कर निकालना चाहिए |
Horro story in hindi :- kaala saaya
एक दिन उन्हें दुकान पर काम करते हुए बहुत देर हो गयी उन्हे एक घड़ी रिपेयर करने में वक्त लग गया और समय का पता ही नहीं चला इस कारण उन्हें घर जाने में देरी हो गई लगभग 9:00 बज गया था | उन्होंने दुकान का शटर लगाया और घर की ओर चल पड़े जिस रास्ते से उन्हें घर जाना था वह सुनसान हो चुका था | पापा ने अपने मन में कहा आज तो बहुत देर हो गयी रास्ता भी सुनसान है बस जल्दी से घर पहुंच जाऊ वह पुल तक पहुंच चुके थे और वह पुल पार करने ही वाले थे तभी पीछे से उन्हें किसी औरत के रोने की आवाज सुनाई दी | वह एक पल के लिए रुकते हैं और सोचते हैं कि इस सुनसान रास्ते पर ये किसकी आवाज़ है पीछे वापस जाकर देखु या नहीं |
तभी अचानक पीछे से आवाज आती है रुकिए भाई साहब मेरी मदद कीजिए यह सुनते ही वह पीछे मुड़कर देखते हैं | एक औरत उनसे कुछ दूरी पर खड़ी थी वह दिखने में बेहद ही सुंदर थी और वह रो रही थी पापा ने साइकिल वापस घुमाई और उसके पास चले गए पापा ने उससे कहा इस सुनसान सड़क पर तुम अकेली क्या कर रही हो और रो क्यों रही हो तब उसने रोते हुए कहा भाई साहब मैं अपने घर जा रही थी मेरा घर यहां पीछे कुछ दूरी पर ही है तभी मेरा पैर पत्थर से ठोंकर लगकर मुड़ गया और मुझे बहुत जोर से चोट लग गई है मैं ठीक से चल भी नहीं पा रही आप मेरी मदद करेंगे मुझे मेरे घर तक छोड़ देंगे |
Horror story in hindi: Haunted hotel
पापा ने उसके पैर की तरफ देखा वो सच में मुड़ा हुआ था उन्होंने सोचा अब इस समय अकेले इसे यहाँ छोड़ना सही नहीं होगा इसकी मदद कर देनी चाहिए | पापा ने कहा ठीक है तुम साइकिल के पीछे बैठ जाओ मैं तुम्हें छोड़ देता हूं वह पीछे बैठ गई पापा की एक आदत थी वह कभी-कभी रास्ते में सिगरेट पी लिया करते थे उन्होंने अपनी जेब से सिगरेट और माचिस निकाली वह माचिस जलाने ही वाले थे कि तभी उस औरत ने कहा रुकिए भाई साहब मुझे सिगरेट के धुएं से खांसी होती है आप इसे अभी मत पीना पापा ने कहा तुम मुंह पर कपड़ा रख लो मुझे बस एक दो कश ही लगाने है |उसने कहा नहीं नहीं रुकिए वह साइकिल से उतर गई पापा को कुछ अजीब लगा| माना जाता है कि जो आमतौर पर ऊपरी हवा होती है वह आग से डरती है| पापा ने देखा कि वह ठीक तरह से अपने पैरों पर खड़ी थी जबकि थोड़ी देर पहले तक वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थी
पापा को कुछ शक हुआ और थोड़ा डर भी लगा और उन्होंने माचिस की तीली जला दी उसके जलते ही वह उनसे थोड़ा दूर हो गई उन्हें अजीब लगा तब उन्होंने एक तीली और जला दी और पीछे देखा तो वह और दूर चली गई |अब पापा समझ चुके थे कि वह औरत एक बुरा साया है |उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे साइकिल वापस दुकान की तरफ ही ले ली तभी पीछे से आवाज आई ” आज तेरी किस्मत अच्छी थी जो तू बच गया” उन्होंने बिना पीछे देखे साइकिल तेजी से चलायी और वापस दुकान चले गए | उन्होंने पूरी रात दुकान पर ही बितायी | सुबह जब वह घर पहुचे तो सब लोग उनके रात को ना आने को लेकर परेशान थे तब उन्होंने सबको यह बात बताई कि कल रात उनके साथ क्या हुआ था | सभी ने भगवान का शुक्रिया किया कि वो सही सलामत घर आ गए | उस घटना के बाद वो फिर कभी घर देर से नहीं आये और दादी ने उनके गले में भगवान का लॉकेट भी पहना दिया जो वो आज भी पहनकर रखते है |
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