ये horror story रमेश की है
उस दिन बहुत तेज बारिश हो रही थी। इसलिए मैं उस दिन काम पर भी नहीं जा पाया था। जब बारिश रुकी तब काफी अंधेरा हो गया था। तो मैंने सोचा क्यों न छोटा भीम मैगी प्वाइंट पर दोस्तों के साथ चाय पी जाए। इसलिए मैंने अपने दोस्त विक्की को फोन किया और पूछा क्या चाय पीने चलेगा? और साथ ही उसे कहा कि लक्की और विवेक से भी पूछ लियो। जिस पर विक्की ने कहा ठीक है चलते हैं। तो मैं विक्की को लेने एक्टिवा पर निकल गया। विक्की का घर मेरे घर से 10 मिनट की दूरी पर था और वहां से मैगी पॉइंट आधे घंटे की दूरी पर था। मैं एक्टिवा धीरे-धीरे चला रहा था क्योंकि सड़क बारिश की वजह से गीली थी। विक्की को घर से पिक करके हम दोनों 20 मिनट तक मैगी पॉइंट पहुंचे जहां लक्की और विवेक हमारा इन्तजार कर रहे थे। हम दोनों उनके पास जाकर बैठ गए और बातें करने लगे। बात करते करते तीन घंटे हो गए और हमें टाइम का पता ही न चला। लकी ने कहा रात के 10 बज चुके हैं, हमें घर चलना चाहिए।
इस बात पर हम सभी ने हां कर दी और हम लोग अपने-अपने घर की ओर निकल पड़े। मैगी पॉइंट से हमारे घर की ओर दो रस्ते जाते थे जोकि एक जंगल से जाता है और थोड़ा छोटा रास्ता पड़ता है। तो मैंने और विक्की ने वो वापिस आने का रास्ता चुना। हम एक्टिवा पर उस रास्ते से आ रहे थे पर उस टाइम उस रास्ते पर हमारे इलावा दूर दूर तक कोई नहीं था। हम अभी आगे बढ़ रहे थे कि तभी बारिश दुबारा होने लगी जिसकी वजह से मैंने एक्टिवा की स्पीड बढ़ा दी।
Story Haunded hotel
मैं एक्टिवा भगा ही रहा था कि तभी अचानक मेरे सामने एक आदमी आ गया। मैंने ब्रेक मारी फिर भी एक्टिवा उस आदमी से टकरा गई और हम नीचे गिर गए। मुझे थोड़ी सी मामूली चोट आई और विक्की तो मानो बेहोश हो गया। मैंने विक्की को उठाने की कोशिश की और गुस्से से पीछे उस आदमी की ओर देखा तो वहां कोई नहीं था। यह देखकर मैं हैरान हो गया। इतने में विक्की को होश आया तो हम दोनों ने मिलकर उस आदमी को इधर उधर देखा, पर वो हमें दिखाई न दिया। वह आदमी हमें ना मिलने पर हम दोबारा एक्टिवा पर बैठकर घर की तरफ निकल पड़े। पर हैरानी की बात यह थी कि विक्की काफी बदला बदला सा लग रहा था। वह अजीब तरह से आवाजें निकाल रहा था। इस पर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ है भाई? तो उसने मेरे कंधे पर हाथ रखा। उसका हाथ बर्फ की तरह ठंडा था। मैंने एक्टिवा साइड पर रोकी और पीछे की ओर जैसे ही मुड़ा तो पीछे देखकर मेरे होश उड़ गए। मैं बड़ी बुरी तरह चौंक गया और कांपने लगा। क्योंकि मेरे पीछे विक्की नहीं, वही आदमी बैठा था। उसका चेहरा बुरी तरह कटा हुआ था और एक आंख गायब थी।
उस आदमी ने मुझे पकड़ा और जोर से एक तरफ उठाकर फेक दिया। मैं बड़ी मुश्किल से उठा और लंगडा लंगड़ा कर जान बचाने के लिए वहां से भागने लगा। वह ऊपर एक छोटा घर था, मैं उस घर की तरफ बढ़ने लगा। मैंने उस घर पर पहुंचकर जैसे ही दरवाजा खटखटाया तो अंदर से एक औरत आई। वह मुझे अंदर ले गई तो मैं देखता हूं कि विक्की उस घर में पहले से ही मौजूद है जो कि मेरी तरफ पीठ करके बैठा था। मैं जैसे ही विक्की से बात करने के लिए उसकी ओर बढ़ने लगा। उस घर की औरत ने मुझे रोक लिया और मेरे से हादसे के बारे में पूछने लगी जिस पर मैंने उस औरत को सबकुछ बता दिया। जवाब में उस औरत ने बताया आज से पांच साल पहले वह आदमी उसका नाम मनोज था और उसकी बीवी ज्योति दोनों यहीं पास में रहते थे। एक दिन इसी जंगल में बारिश की रात आते वक्त मनोज को किसी बाइक वाले ने जोर से टक्कर मार दी और वहीं मरने के लिए छोड़ कर भाग गया।
जब यह खबर मनोज की बीवी को पता चली तो वह भी सदमे से मर गई। तब से जब भी बारिश होती है तब उस रात वह आदमी बाइक एक्टिवा सवार लोगों को मारता है। यह सब सुनते ही मैंने विक्की की ओर देखा जोकि तब से मेरी ओर पीठ करके एक साइड पर बैठा था। मैं अब उसकी ओर बढ़ने लगा और देखा कि उसका गला कटा हुआ था। यह देखकर तो मानो मेरा शरीर कांपने लगा। इतने में पीछे से उस औरत ने भारी आवाज में बोला कि उसकी बीवी भी मरने के बाद इस सब में उस आदमी का साथ देती है और कोई बचकर इस घर में आता है तो वह उसको मार देती है। यह सुनकर मैं बहुत खौफजदा हो गया।
मेरा शरीर जोर से कांपने लगा। मैं बिना सोचे समझे उस घर की खिड़की से कूदकर नीचे जा गिरा और भागने लगा। भागते भागते मेरे पैर फिसल गया और मैं उसी रास्ते पर जा गिरा। जब होश आया तो देखा मैं हॉस्पिटल में था। मेरा दोस्त लकी और विवेक और मेरी फैमिली मेरे बैड के आस पास खड़ी थी। पर जब मैंने विक्की के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि मुझे कार वाला हॉस्पिटल लेकर आया था और विक्की की लाश पुलिस को उसके घर में मिली। मैं आज भी उस हादसे से उबर नहीं पाया। मैं उस जंगल को दूर से देखता हूं तो विक्की की चीखें मुझे सुनाई देती हैं।
Hindi horror story kaala Saya